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BANKA : वह तो किसी ने देख लिया, वरना बड़े पैमाने पर ठगे जाते किसान

BANKA Live : बांका जिले में खरीफ मौसम की दस्तक के साथ ही ब्रांडेड बीज के नाम पर किसानों को ठगने की तैयारी शुरू हो चुकी है। जिले में बीज व्यवसायियों का यह आयोजन वर्षों से फल फूूल रहा है। लेकिन इसे देखनेे सुनने वाला कोई नहीं। नतीजे के तौर पर हर वर्ष जहां बड़े पैमाने पर जिले के किसान ठगे जाते हैं। वहीं बीज बेचने वाले व्यापारी और उन्हें लाइसेंस देने वाले अधिकारी गलत रास्ते सेे अकूत कमाई के जरिए मालामाल होतेे हैं।

बांका जिले में बीज विक्रेताओं द्वारा किसानों की ठगी का यह अशेष कारोबार वर्षों से फल फूल रहा है। खरीफ हो या रबी का मौसम, किसान विश्वास करके लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी बीज विक्रेताओं के यहां से अपने खेतों के लिए अनाज से लेकर सब्जी तक का बीज खरीद लेते हैं। लेकिन उन्हें निराशा तब होती है जब बीज घटिया और नकली निकलते हैं। बीज में जर्मिनेशन नहीं होता है। खेत में लगाई गई मेहनत और राशि व्यर्थ हो जाती है। किसान सिर पकड़ कर रह जाते हैं। तब उनका सुनने वाला कोई नहीं होता।

कृषि विभाग द्वारा हर वर्ष सरकार को जिले में खेती के जो उन्नत आंकड़े पेश किए जाते हैं, उनके पीछे ठगी का शिकार हुए किसानों की आह और आंसू भी छिपे होते हैं। लेकिन इन सबसे कमाई का धंधा करने वालों को क्या! वे तो बस मालामाल होने का रास्ता ढूंढते हैं। वह रास्ता गलत हो या सही, इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं होता।

इस वर्ष भी खरीफ का मौसम दस्तक दे चुका है। किसान खेती की तैयारियों में जुटे हैं। बीज की खरीद फरोख्त का सिलसिला शुरू हो चुका है। रोहिणी नक्षत्र में ही आमतौर पर धान का बीजारोपण होता था। लेकिन अब हाइब्रिड नस्ल के धान की खेती की वजह से बीज बोने का मौसम अब से शुरू हुआ है। किसान बाजारों से ब्रांडेड बीज खरीद रहे हैं। लेकिन उन्हें क्या पता, ब्रांडेड बीच के उन पैकेट्स में उनके भविष्य का अंधकार छुपा है।

अभी परसों की बात है। जब बांका जिले के ही रजौन बाजार स्थित एक बीज भंडार में पहुंचे एक किसान ने स्थानीय किसानों से खरीदे गए घटिया किस्म के धान को ब्रांडेड बीज के पैकेट में पैकिंग करते विक्रेता को देखा। इस बात की हलचल पूरे बाजार में हो गई। अनेक किसान जमा हो गए। हंगामा हो गया। मौके पर पुलिस पहुंच गई। लेकिन उम्मीद के अनुरूप कृषि विभाग के अधिकारियों ने बीज विक्रेता को क्लीन चिट दे दिया। दे भी क्यों न दें! इन सब गोरखधंधे के पीछे उनका भी तो हिस्सा तय होता है। 

यह गोरखधंधा जिले भर में चल रहा है। बड़ी संख्या में बीज विक्रेता इस धंधे में शामिल हैं। हालांकि कुछ बीज विक्रेता ऐसे भी हैं जो काली कमाई के लिए गलत धंधे नहीं करते। लेकिन जो करते हैं उन्हें कंट्रोल करने के लिए प्रशासन की भी कोई पहल नहीं होती। विभागीय अधिकारियों की तो खैर प्रकारांतर से उनके साथ मिलीभगत ही होती है। हालांकि अधिकारी इस बात से इनकार करते हैं।


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