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जब सीमा पर हर तरफ नाकेबंदी है, फिर अंदर आ कैसे रही है शराब की खेप- दर- खेप..!

बांका Live डेस्क : बांका जिले की दो-तिहाई सीमा झारखंड से लगी है. राज्य में शराबबंदी की घोषणा के बाद जिले में इस बात को लेकर प्रशासनिक चर्चा हुई थी कि झारखंड से यहां शराब की खेप चोरी चुपके तस्करी के जरिए पहुंच सकती है. उन्हें रोकने के लिए झारखंड की ओर जाने वाली प्रत्येक मुख्य सड़क पर चेक पोस्ट लगाए गए. अंतर्राज्जीय राजमार्गों पर इस बात को लेकर खास चौकसी बरती गयी. प्रशासनिक दावे के मुताबिक तस्करों की हर चाल को नाकाम करने के लिए सीमा पर सख्त पहरेदारी तैनात की गई. कुछ दिनों की तथाकथित चौकसी के बाद जिले में तस्करों द्वारा शराब की खेप की आवाजाही आरंभ हो गई. जिला मुख्यालय से लाखों रुपए की शराब बरामदगी इस बात की मिसाल थी. तब इस बात की भी चर्चा खूब हुई कि यह सब पुलिस की मिलीभगत से हो रही है.

इधर बांका में नए एसपी के पदस्थापन के बाद शराब की तस्करी को रोकने के लिए एक बार फिर से सख्त रवैया अख्तियार किया गया. एसपी ने सख्त हिदायत की कि शराब की तस्करी रोकने में विफल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस चौकसी बढ़ी तो विभिन्न थाना क्षेत्रों से ताबड़तोड़ तस्करी के शराब की बरामदगी का सिलसिला आरम्भ हो गया. बड़े पैमाने पर शराब जब्त किए गए. वाहनों की भी जब्ती हुई. दो दर्जन से ज्यादा लोग सिर्फ 10 दिनों के अंदर गिरफ्तार किए गए.

लेकिन शराब माफियाओं और तस्करों के खिलाफ इन सभी कार्रवाइयों में एक समान बात यह रही कि अवैध शराब और वाहनों की जब्ती तथा तस्करों की गिरफ्तारी जिले के अंदरूनी हिस्से से हुई, किसी चेकपोस्ट से नहीं. यहां सवाल यह उठता है कि यह शराब तस्कर शराब की बड़ी बड़ी खेप लेकर बांका जिले के अंदर हिस्से में प्रवेश कैसे कर गए? चेक पोस्ट पर क्या चल रहा है? अगर चेक पोस्ट शराब की तस्करी रोक पाने में नाकाम हो रही है तब उन्हें रखने का क्या लाभ? अगर पुलिस के उच्चाधिकारियों को इस बात की तस्दीक है कि वहां गड़बड़ चल रही है तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

मजेदार बात तो यह है कि इन्हीं सब कार्रवाइयों के बीच 2 दिन पूर्व बांका जिले की सीमा से होकर करीब 70 किलोमीटर की दूरी शराब तस्कर लांघ गए और शराब के साथ उनकी गिरफ्तारी भागलपुर के मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र में हुई. झारखंड से लेकर शराब कि यह खेप तस्कर बांका जिले के कई थानों को लांघ कर गए, लेकिन उन्हें देखने वाला कहीं कोई खड़ा नहीं था. बांका जिले में भी पंजवारा, दर्दमारा तथा भलजोर चेक पोस्ट की बजाए शराब तस्कर बौंसी, धोरैया, कटोरिया, रजौन, बांका और अमरपुर में पकड़े जा रहे हैं.. आखिर क्या है यह सब?

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